Monday, December 8, 2008

गोविंदा माला दीक्षा में न करें :

गोविंदा माला दीक्षा में न करें :

(1) दूसरों से बात करते समय एकवचन रूप अर्थात वह, यह इत्यादि का उपयोग न करें ।
(2) कम से कम माला धारण की दिनांक से और व्रथम के आरंभ से दर्शनम के बाद घर आने तक तथा माला उतारने तक किसी तरह का मधपान न करें और माँसाहार खाने से बचें
(3) इस अवधि के दोरान तेल स्नान न करें । धूम्रपान और पान आदि का सेवन न करें ।
(4) किसी भी परिस्थिति में नाराज़ न होवें
(5) झूठ न बोलें
6) अपशब्द बोल कर या फिर अपने कार्यकलापों से दूसरों की भावनाओं को ठेस न पहुँचायें ।
(7) मृत्यु समारोह में भाग न लें । अगर किसी करीबी रिश्तेदार की मृत्यु हो जाती है, तो अपनी पारिवारिक परम्पराओँ का पालन करें और जहाँ तक सम्भव हो इस समय यात्रा में भाग न लें । गुरु स्वामी की सलाहानुसार, अगर मृत्यु किसी दूर के रिश्तेदार की हुई है, तो आप माला उतार सकतें हैं, उस अवधि में दीक्षा को हटाए बिना, प्रातकाल का ध्यान कर स्नान करें, और मृत्यु संस्कार के पूर्ण हो जाने के बाद, तीन बार थोड़े से गाय का गोबर इस्तेमाल कर स्नान करें और फिर १०८ बार गोविन्द नामालू / "ॐ नमों वेंकेटशाय" का उच्चारण करें या फिर आप गायत्री मंत्र उपदेशम का पालन करते हैं तो १०८ बार इसका उच्चारण करें । मन्दिर में या गुरुस्वामी के माध्यम से पंचागाव्यम द्वारा अपनी माला को शुद्ध कर धारण करें ।
(8) किसी भी जीवित प्राणी को न सतायें
(9) अवेध तरीके से धन न कमाएँ
(10) किसी भी गोविंदा को चाहें आपका शिष्य ही क्यों न हो डाटें नहीं।
(11) दूसरों में ग़लतियाँ न ढूँढें
(12) इस अवधि के दौरान अदालती मामलों में भाग न लें और हर किसी की सुनिश्च्चता का ख्याल रखें ।
(13) ऐसे नाटकों और सिनेमा में, जिनमें आपको अनेच्छिक दृश्यों को अभिनय करना पङे , भाग न लें और ऐसे सिनेमा को देखने से भी बचें ।
(14) जाने, अनजाने कोई अपराध न करें ।
(15) ऐसी महिलाओं जो मासिक धर्म से हैं, उनके पास न जायें और उन्हें न छुयें । अगर ऐसा होता है तो सलाह दी जाती है की तुरंत स्नान करें और कोई दूसरा काम करने से पहले, उपलब्ध हो तो "पंचागाव्यम " या फिर गोविन्द नामालू / "ॐ नमों वेंकेटशाय" का १०८ बार जाप करें ।
(16) इस अवधि के दौरान अपनी शेव और बाल न कटवाएं ।
(17) दिन में सोने से बचें और रात में देर तक न सोयें । जहाँ तक सम्भव हो ताज़ा भोजन करें और बाहर का भोजन करने से बचें। अगर आपको विषम परिस्थितियों में बाहर का भोजन करना पङे, तो स्नान करने के बाद ही भोजन करें और धन को फिजूल खर्च न करें ।

दर्शनं करने और घर पहुचने के बाद ही माला उतरें । घर आकर प्रवेशद्वार पर नारियल तोरें पूजा स्थल पर प्रसादम रखें , स्नान करें , नैवेद्यम के साथ प्रसादम हेतु हरथी करें , अपनी पूरे परिवार को प्रसादम बातीं और फिर "ॐ नमो वेंकतेशाया " का उच्चारण करें फिर अगर आप माला उतारने के मंत्रो को जानते हैं तो इसका उच्चारण कर ख़ुद ही माला उतारिने। मार्ग में ही माला उतारने की स्वीकृति नही है।

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